Re: शताब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन
आधी रात होते ही शुभकामनाएं आनी शुरु हो जाती हैं खाने की मेज पर। 66 साल। उपहार दिए जातेहैं।प्यारे और कोमल औरनिजी।लेकिन सबसे प्यारे उपहार की बात की जा सकतीहै।यह जया सेमिला।जैसा कि मैं पहले लिख चुका हूँ, कि 'सोपान' से वे सारे पुराने पत्र आदि खोद-खोद कर संकलित कर रहीहैं।उन्होंने एक और खजाना ढूंढनिकाला।बड़े करीने से एक डब्बे में सजा करदिया।एक एक पत्र मन को जीत लेने वाला।लेकिन एक मन में घर कर गया। एक पत्र जो मैंने हिंदी में लिखा है अपनी माँ को जब वे मुझे इलाहाबाद में मेरे पिताजी की देखरेख में छोड़ कर शहर से बाहर गई हुई हैं। साल है 1948।मैं 6 साल का हूँ। मैं उनसे कहता हूँ कि वे जल्दी वापस आ जाए क्यूँकि मुझे उनकी याद आ रही है।मैं उन्हें यह भी बताता हूँ कि मेरे पेट में दर्दहै।हम इस बालसुलभ क्षण पर हँसते हैं और सोने के लिए चल देते हैं।
डेढ़ बजे तक बिस्तर में, मैं ढाई बजे के आसपास दर्द की वजह से जग जाता हूँ।पर जब दर्द जाता नहीं है तो मैं टहलकदमी द्वारा इसे दबाने की कोशिश करता हूँ और परिवारजन को परेशान नहीं करना चाहता हूँ। कोई राहत नहीं मिलती है और मैं फोन करता हूँ डॉक्टर को - सदा विनीत डॉक्टर बर्वे। जो दवा दी जाती है उसका कोई असर नहीं होता है। डॉक्टरों के चेहरे पर चिंता और जया के चेहरे पर 'मैं जानती थी' वाला भाव।पिछले कुछ महीनों से उन्हें अंदेशा था कि मेरा स्वास्थ्य गड़बड़ाने वाला है।
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