Re: मशीन बन गया हूँ.....
प्राथमिक पाठशाला की एक शिक्षिका ने अपने छात्रों को एक निबंध लिखने को कहा.
विषय था “भगवान से आप क्या बनने का वरदान मांगेंगे”
इस निबंध ने उस क्लास टीचर को इतना भावुक कर दिया
कि रोते-रोते उस निबंध को लेकर वह घर आ गयी.
पति ने रोने का कारण पूछा तो उसने जवाब दिया इसे पढ़ें,
यह मेरे छात्रों में से एक ने यह निबंध लिखा है..
निबंध कुछ इस प्रकार था:-
हे भगवान, मुझे एक टीवी बना दो
क्योंकि तब मैं अपने परिवार में ख़ास जगह ले पाऊं
और बिना रूकावट या सवालों के मुझे ध्यान से सुना व देखा जायेगा.
जब मुझे कुछ होगा तब टीवी खराब की खलबली पूरे परिवार में सबको होगी
और मुझे जल्द से जल्द सब ठीक हालत में देखने के लिए लालायित रहेंगे.
वैसे मम्मी पापा के पास स्कूल और ऑफिस में बिलकुल टाइम नहीं है
लेकिन मैं जब अस्वस्थ्य रहूँगा तब मम्मी का चपरासी और पापा के
ऑफिस का स्टाफ मुझे सुधरवाने के लिए दौड़ कर आएगा. ..
दादा का पापा के पास कई बार फोन चला जायेगा कि टीवी जल्दी सुधरवा दो
दादी का फेवरेट सीरियल आने वाला हे
मेरी दीदी भी मेरे साथ रहने के लिए हमेशा सबसे लडती रहेगी.
पापा जब भी ऑफिस से थक कर आएँगे मेरे साथ ही अपना समय गुजारेंगे.
मुझे लगता है कि परिवार का हर सदस्य
कुछ न कुछ समय मेरे साथ अवश्य गुजारना चाहेगा
मैं सबकी आँखों में कभी ख़ुशी के तो कभी गम के आंसू देख पाऊंगा.
आज मैं “स्कूल का बच्चा” मशीन बन गया हूँ.
स्कूल में पढ़ाई घर में होमवर्क और ट्यूशन पे ट्यूशन
ना तो मैं खेल पाता हूँ न ही पिकनिक जा पाता हूँ
इसलिए भगवान मैं सिर्फ एक टीवी की तरह रहना चाहता हूँ,
कम से कम रोज़ मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ
अपना बेशकीमती समय तो गुजार पाऊंगा.
पति ने पूरा निबंध ध्यान से पढ़ा और अपनी राय जाहिर की.
हे भगवान ! कितने जल्लाद होंगे इस गरीब बच्चे के माता पिता !
पत्नी ने पति को करुण आँखों से देखा और कहा,……
यह निबंध हमारे बेटे ने लिखा है !!!!!
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