बिज्जी ऐसे ललचाऊ कथाकार थे, जिनकी कहानियों पर हर बडा रचनाधर्मी फिल्मकार फिल्में बनाना चाहता था. यह अकारण नहीं है कि उनकी कई कहानियों पर कई-कई बार फिल्में बनीं. उनकी कहानी 'दुविधा' पर पहले मणिकौल ने इसी नाम से फिल्म बनाई और फिर अमोल पालेकर और शाहरुख खान ने साझे प्रोडक्शन में 'पहेली' नाम से फिल्म बनाई, जिसे ऑस्कर के लिए नामित किया गया. उनकी एक और कहानी 'चरणदास चोर' पर न सिर्फ श्याम बेनेगल ने सर्वकालिक महान फिल्मों में से एक बनाई बल्कि थिएटर के इंसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले हबीब तनवीर ने हिंदुस्तान सहित दुनिया के तमाम देशों में उनकी इस कहानी पर नाटक किया. हबीब तनवीर ने बिज्जी की इस कहानी का छत्तीसगढी में अनुवाद किया था और फिर उसे नाट्य स्वरूप में बदला, फिर उसके मंचन का उन्हें जो नशा सवार हुआ, वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होने के बाद भी नहीं उतरा........