17-11-2013, 09:52 PM
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#7
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Re: मायूसी.....................
मुंबई से मायूस लौटे थे मुंशीजी......
दो तरह के लेखक
फिल्म निर्माता आसिफ जाह कहते हैं, "फिल्म इंडस्ट्री में दो तरह के लेखक हैं. एक जो यहां के संघर्ष से बने और बहुत मशहूर हुए, दूसरे जो मशहूर होकर आए जैसे राही मासूम रजा, प्रेमचंद वगैरा. इनमें से राही मासूम रजा को ही कामयाबी नसीब हुई. बाकी सब प्रेमचंद की तरह वापस चले गए."
इसके बाद प्रेमचंद की कहानी मिल मजदूर पर गरीब मजदूर बनी. इसमें प्रेमचंद ने एक रोल भी किया. फिल्म सेंसर से कई सीन काटे जाने के बाद रिलीज हुई. पूरे पंजाब में इसे देखने मजदूर निकल पड़े. लाहौर के इंपीरियल सिनेमा में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मिलिट्री तक बुलानी पड़ी. ये फिल्म जबर्दस्त हिट हुई और सरकार के लिए मुसीबत बन गई. दिल्ली में इसे देख एक मजदूर मिल मालिक की कार के आगे लेट गया. नतीजा कि इस पर प्रतिबंध लग गया.":..........
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