Re: ये सिर्फ यही होता है ....
Quote:
Originally Posted by sikandar
भाई जी
जहाँ पर लिखा होता है
लोग अक्सर उसी जगह पर करते हैँ ।
इसे कहते हैँ हिँदुस्तान की आजादी
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लेकिन भाई लिखा तो
कुछ और हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
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