Re: बढ़ती दुनिया सिकुड़ते रिश्ते
दिल और दिमाग को झंझोर देने वाला मुद्दा है
मुझे कालका जी वाली वो घटना याद आती है जिसमें एक बहन घर पर मरी पड़ी थी और दूसरी अपना मानसिक संतुलन खो बैठी थी
वो किसी को इस घटना के बारे में नहीं बताती है और दुर्भाग्य की सीमा देखिये पड़ोसिओं को तब पता चला जब लाश से दुर्गन्ध आने लगी
मेरे लिए ये घटना झकझोर देने वाली थी शायद इसलिए भी क्योंकि उस समय मैं कालका जी में ही रहता था और जिस मकान में मैं दो साल से अकेला रहता था वहां मेरे पड़ोस में कौन रहता था मुझे नहीं पता था/
ये है हमारे बड़े शहरो का सच/ मुझे लगा की मैं इस मामले में अभी तक काफी खुश किस्मत हूँ पर क्या पता आगे ना रहूँ/
सबसे पहले मैंने माकान छोड़ा फिर दिल्ली ही छोड़ दी/
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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