Quote:
Originally Posted by ndhebar
बहुत बड़े बोल बोल रहे हो भाई
|
नहीं एकदम ठोस बात कही है भाई, जो रुझान इस समय दिख रहा है वही कहा है |
भाई मेरा काम ही लोगों से दिन रात बात करने का है, सिर्फ भारत ही नहीं वैश्विक रूप से युवा वर्ग राजनेताओं से ऊब चुका है | ये फेरारी को राजदूत के इंजन से चलने का प्रयास कर रहे हैं और हमें फरारी में रोकेट इंजन चाहिए |
मुद्दे की बात करूँ तो ये सूत्र बनाने वाले अरविन्द भाई, चर्चा को आगे बढ़ने वाले अनिल भाई या पढने वाले आप ही क्या बुर्जुआ वर्ग में नहीं हैं? आप पढ़े लिखे हैं, समस्या समझते हैं और निदान चाहते हैं | अभी हाल ही में अयोध्या पे फैसला हुआ उसके बाद कहीं कोई प्रतिक्रिया दिखी? इस पीढ़ी का यह सीधा सन्देश है की उसे मंदिर या मस्जिद नहीं कोलेज चाहिए, कंपनी चाहिए, प्रोफेशनल कोर्स चाहिए |
मुझे खीज आती है खुद की कोलर ऊँची किये उन नेताओं पर जो खुद को सिर्फ इसलिए सम्माननीय समझते हैं क्यूंकि वो पहले पैदा हुए थे(अर्थात अब बुढा चुके हैं )
असली बात तब है जब आप समस्या समझ के समाधान दे सकें और अफ़सोस अभी ऐसे लोग गिने चुने हैं |
Quote:
Originally Posted by kumar anil
अमित तिवारी जैसे व्यक्ति के हाथ मेँ help का बोर्ड एक प्रशंसक को कुछ अच्छा नहीँ लगा ।
गुरु आपसे सीखने को मिलता है । इसीलिये छेड़ छेड़कर कुछ ज्ञान अर्जित करने का प्रयास कर रहा था ।
हाँ टिप्पणी अवश्य करुँगा ।
|
मैं आपसे बहुत छोटा हूँ और मेरी शिक्षा दीक्षा भी टुकड़ों में हुई है | अक्सर मेरा रिज्युमे देख के लोगों की हंसी निकल जाती थी इसलिए मैं ज्ञान देने लायक नहीं हूँ भाई | ये मैं नम्र हो के नहीं कह रहा, ये वास्तविकता है हेहेहेहे |
Quote:
Originally Posted by kumar anil
आग लगाके जमालो दूर खड़ी ।
|
अरविन्द भाई बहुत ऊंची हस्ती हैं, अभी ये शब्दों की धार तेज कर रहे हैं, पूर्ण विरामों को बत्तीसी लगवा रहे हैं, हलंतों को पैना कर रहे हैं फिर एक साथ एक ही पोस्ट में हमला बोलेंगे |