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Originally Posted by sikandar
२ चिडियों की एक प्रेम कहानी
एक दिन मेल चिड़िया ने बोला :की
मुझे छोड़ कर कही तुम उड़ तो
नही जाओगे .
फीमेल चिड़िया :उड़ जाउंगी तो तुम
पकड़ लेना .
मेल चिड़िया :बोला मैं तुम्हे
पकड़ सकता हु पर फिर पा नही
सकता फीमेल चिड़िया की आँखों में
आंसू आ गये और उस ने अपने पंख
तोड़ दिए और बोली ,'अब हम हमेशा
साथ रहेंगे .एक दिन जोर से तूफ़ान
आने वाला था तो मेल चिड़िया उड़
ने लगा .तभी फीमेल चिड़िया ने
कहा तुम उड़ जाओ मैं उड़ नही
सकती .मेल चिड़िया बोला :अपना
ख्याल रखना कह कर उड़ गया .जब
तूफ़ान थमा तो मेल चिड़िया
वापस उस पेड़ पर आया तो देखा की
फीमेल चिड़िया मर चुकी है और
डाली पर लिखा था ,'काश वो १ बार
तो कहता की मैं तुम्हे नही छोड़
सकता . तो शायद मैं तूफ़ान से
पहले न मरती
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बहुत ही सुन्दय मार्मिक कथा जिसने दिल को छू लिया । शायद पुरुषोँ की मानसिकता दर्शाती है ये । व्यवहारिक जीवन मेँ भी वह छलिया प्यार का झाँसा देकर निश्छल स्त्री का शोषण करते हुये उसकी कोमल भावनाओँ के साथ खेलता है । समर्पण , त्याग , बलिदान , दया और प्यार तो कोई औरतोँ से सीखे । प्रेमचन्द ने कहा था कि यदि स्त्रियोँ के नैसर्गिक गुण पुरुषोँ मेँ आ जायेँ तो वह महान हो जायेगा ।