Re: स्टीव ज़ोब्स की तीन कहानियाँ
मुझे जन्म देने वाली माँ एक जवान, अविवाहित कॉलेज स्टुडेंट थी, और वह मुझे किसी और को गोद देना चाहती थी. पर उनकी एक ख्वाईश थी की कोई कॉलेज स्नाथक ही मुझे गोद ले. सबकुछ बिलकुल निश्चित था और मैं एक वकील और उसकी पत्नी के द्वारा गोद किया जाने वाला था कि अचानक उस दंपत्ति ने अपना विचार बदल दिया और निर्णय किया कि उन्हें एक लड़की चाहिए. इसलिए तब आधी-रात को मेरे वर्तमान माता पिता, जो तब कतार में थे, को फ़ोन करके बोला गया कि , “हमारे पास एक बच्चा है, क्या आप उसे गोद लेना चाहेंगे?” और उन्होंने झट से हाँ कर दी. बाद में मुझे जन्म देने वाली माँ को पता चला कि मेरी माँ कॉलेज पास नहीं हैं और पिता तो हाई स्कूल भी पास नहीं हैं तो उन्होंने गोद देने वाले कागज़ पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया; पर कुछ महीनो बाद मेरे होने वाले माता पिता के मुझे कॉलेज भेजने के आश्वाशन के बाद वो मान गयीं. तो मेरी जिंदगी कि शुरुआत कुछ इस तरह हुई और सत्रह साल बाद मैं कॉलेज गया..पर गलती से मैंने स्तान्फोर्ड जितना ही महंगा कॉलेज चुन लिया. मेरे काम काजी माता पिता की सारी जमा-पूँजी मेरी पढाई में जाने लगी. 6 महीने बाद मुझे इस पढाई में कोई value नहीं दिखी.मुझे कुछ आईडिया नहीं था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहता हूँ, और कॉलेज मुझे किस तरह से इसमें मदद करेगा..और ऊपर से मैं अपने माता पिता के जीवन भर कि कमाई खर्च करता जा रहा था. इसलिए मैंने कॉलेज छोड़ने का निर्णय लिए...और सोचा जो होगा अच्छा होगा. उस समय तो यह सब-कुछ मेरे लिए काफी डरावना था पर जब मैं पीछे मुड़ कर देखता हूँ तो मुझे लगता है ये मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा निर्णय था.
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