Re: रघुवीर सहाय की कविताएँ
आज इस सूत्र को फिर से देख रहा हूँ. जी नहीं देख नहीं रहा बल्कि आज बड़े मनोयोग से हिंदी के युगांतकारी कवि रघुवीर सहाय की यहाँ उद्धृत की गयी रचनाओं को पढ़ गया हूँ. सोच रहा हूँ कि उनकी एक एक कविता में कितनी सहजता से इस युग की विद्रूपता और सच्चाई बयान की गयी है - निर्मम और बेरहम सच्चाई जो कल भी हमें दहलाती थी और आज भी विचलित करती है. समाज के दबे-कुचले और शोषित वर्ग की हालत का दिल दहला देने वाला चित्र प्रतुत करती हैं ये कवितायें. आज हम इस सूत्र के माध्यम से इस महान कवि को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं.
मैं अभिषेक जी को इस बेशकीमती सूत्र को फोरम पर प्रस्तुत करने के लिये धन्यवाद कहना चाहता हूँ.
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