कब और केसे मनाएं महाशिव रात्रि का व्रत एवं पर्व – त्यौहार :.........
नोट :—-
पूजन में पहले ध्यान, आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, पंचामृत स्नान,
शुद्धोदक जल स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, उपवस्त्र, चंदन, अक्षत, पुष्प, पुष्प माला, धूप-दीप,
नैवेद्य नीराजन, पुष्पांजलि, परिक्रमा, क्षमा-प्रार्थना इत्यादि मूल मंत्र का प्रयोग करें।
भोलेनाथ को बिल्वपत्र, भांग, अर्क पुष्प, धतूरे के पुष्प-फल भी चढ़ाए जाते हैं। जो वस्तु कम हो, उस वस्तु की जगह अक्षत का प्रयोग करें।
शिव पंचाक्षरी मंत्र- नम: शिवाय।
शिव षडाक्षरी मंत्र—- ॐ नम: शिवाय।
मृत्युंजय मंत्र—- ॐ जूं स:।
महामृत्युंजय मंत्र—-
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे, सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
इन मंत्रों में से जो अच्छा लगे, उसका जाप तथा उसी से पूजन करें तथा लाभ उठाएं :.........
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