Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
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Originally Posted by dr.shree vijay
हर शख्स की अजब कहानी है …
चुप रहना भी दोस्ती की निशानी है …
फिर भी दर्द का एक अहसास है ….
लगता है आप यही कही आस पास है........
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हरन अमंगल अघ अखिल कारन सकल कल्यान i
राम नाम नित कहर हर ...... गावत बेद पुरान ii
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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