Re: जीवन में अशान्ति क्यों हैं ?.........
आपने व्याख्या के लिये बड़ा महत्वपूर्ण विषय चुना है. धन्यवाद.
यह अनादिकाल से उठने वाले प्रश्न हैं जिनका उत्तर महापुरुषों ने अपने अपने तरीके से दिया है और आज भी चिन्तक-मनीषी (सत्संग में साक्षात एवम् किताबों तथा टीवी के माध्यम से) समझाने की कोशिश करते हैं. लेकिन हर व्यक्ति की खोज अपने अपने स्तर पर जारी है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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