समस्या का दूसरा पहलु :........
पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे , पर उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .
पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.
तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है.
उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा ,
उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – ” देखो ये वर्ल्ड मैप है , अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ ,
तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे .
लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , ” ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है .”
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, – ” तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था ?” :.........