24-03-2014, 12:30 PM
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Re: भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव :.........
शहीदे-आज़म भगतसिंह के विचारों को जन-जन तक पहुँचाओ !
आज पूरा देश भारत के वीर सपूत भगत सिंह और उनके दो क्रान्तिकारी साथियों राजगुरु और सुखदेव का 83वां शहादत दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। कुछ लोग इस दिन को महज एक अनुष्ठान के रूप में मनाते हैं जबकि हम लोगों का इस दिन को याद करने का उद्देश्य यही है कि भगत सिंह के उन क्रान्तिकारी विचारों, संकल्पों और सपनों को याद किया जाए जो आज भी हमें अन्याय, शोषण और असमानता से मुक्त एक नए भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।
हालांकि अंग्रेजों का राज खत्म हो गया है और देश-दुनिया की परिस्थितियों में भारी बदलाव हो चुका है, लेकिन हम भगत सिंह के उन सपनों को हकीकत में तब्दील किए जाने से उतने ही दूर हैं जितना कि पहले हुआ करते थे। भगत सिंह और उनके विचारों की यह प्रासंगिकता तब तक बनी रहने वाली है जबतक कि हम उनके सपनों का समाज निर्मित नहीं कर लेते।
अपनी पार्टी ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन’, के घोषणापत्र में उन्होने स्पष्ट किया था कि “करोड़ों लोग आज अज्ञानता और गरीबी के शिकार हो रहे हैं। भारत की बहुत बडी आबादी जो मजदूरों और किसानों की है, उनको विदेशी दबाव और आर्थिक लूट ने पस्त कर दिया है। भारत के मेहनतकश वर्ग की हालत आज बहुत गम्भीर है। उनके सामने दोहरा खतरा हैं। विदेशी पूँजीवाद का एक तरफ से और भारतीय पूँजीवाद के धोखे भरे हमले का दूसरी तरफ से। भारतीय पूँजीवाद विदेशी पूंजी के साथ हर रोज नये गठजोड़ कर रहा है।” :.........
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