Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > दोनों वक़्त का मिलना
भावार्थ:
आम धारणा के अनुसार तीसरे पहर और संध्या के बीच का समय
उदाहरण:
न लेट इस तर्ह मुंह पर ज़ुल्फ़ को बिखरा के ऐ ज़ालिम
ज़रा उठ बैठ तू इस दम कि दोनों वक़्त मिलते हैं
(शायर: मीर हसन)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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