कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
तीसरा बिदु है शासन में पारदर्शिता|
मैंने कहीं पर पढ़ा था कि "वह देश आगे बढ़ता है जिसके नागरिक खुले वातावरण में उद्यम से जुड़े नये उपाय क्रियान्वित करने के लिए आजाद होते हैं।"
इसका मतलब शासन की कटु नज़र में शोध, व्यापार, अध्ययन, तकनीक, विचार, रचनात्मकता आदि सब कुंठित होकर रह जाती हैं| और ठीक से नहीं पनप पाती| अमेरिका में यह खुलापन उपलब्ध है| लेकिन हमारे यहां इसकी अपेक्षाकृत कमी दिखाई पड़ती है| ठीक से साधन और प्रोत्साहन उपलब्ध न होने के कारण भी आशाएं दम तोड़ देती हैं और हम विकास के एक जरूरी अध्याय से वंचित रह जाते हैं|
चीन में तो नागरिकों की उर्जा पर कम्युनिष्टों का नियंत्रण है|
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Self-Banned.
Missing you guys!
फिर मिलेंगे|
मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक||
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