मुक्तेश्वर उत्तराखण्ड के नैनीताल में है। यहां भगवान शिव को समर्पित मुक्तेश्वर मंदिर है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग सफेद संगमरमर से बना है। मान्यता है कि इसे छूने से महिलाएं माँ बन जाती हैं।
यहां से करीब 250 मीटर दूर चौती जाली है। 8 किलोमीटर दूर सोनापानी में कुमाऊँ की प्राकृतिक ख़ूबसूरती को महसूस किया जा सकता है। 26 किलोमीटर की दूरी पर रामगढ़ है, जहाँ नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘गीतांजलि’ लिखना शुरू किया था। यहाँ आप टैगोर प्वाइंट देख सकते हैं, जहाँ कभी टैगोर रहा करते थे। टैगोर प्वाइंट के नज़दीक ही गांव उमागढ़ में देवी स्थल है, जहाँ गर्मियों के मौसम में कवयित्री महादेवी वर्मा रहा करती थीं। यहाँ से नीलकंठ पर्वत की ख़ूबसूरती को निहारा जा सकता है। नंदादेवी चोटी भी यहाँ से दिखती है।
रोमांचक वन्य जीवन
वाइल्ड लाइफ में रुचि लेने वालों के लिए नाइट सफारी बेहद रोमांचक अनुभव रहता है। रात में जंगली जानवरों क्रियाकलापों को देखना कम रोमांचक नहीं है। यहाँ ट्रेकिंग और माउण्टेन क्लाइंबिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स भी आजमा सकते हैं। मुक्तेश्वर से क़रीब 7 किलोमीटर दूर लामहांगा जलप्रताप ट्रेकिंग के प्रेमियों की पहली पसंद है।
कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर
वायु मार्ग
मुक्तेश्वर का नज़दीकी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। ये मुक्तेश्वर से 111 किमी दूर है।
रेल मार्ग
काठगोदाम रेलवे स्टेशन मुक्तेश्वर से 73 किमी की दूरी पर है, यही सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग
दिल्ली से 353 किमी, नैनीताल से 51 और हल्द्वानी से 42 किमी की दूरी पर स्थित है मुक्तेश्वर।
.................................................. .......................
To Help Hinduism Log on to : http://panktipawan.com
.................................................. .......................