16-04-2014, 03:13 PM
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गोरैया की आवाज़
गोरैया की आवाज़
^^ मुझे भूल तो नहीं गये ?? अरे, भूल भी जाओगे तो मुझे कोई आश्चर्य ना होगा. तुम मानव होते ही इतने निष्ठुर हो.हम प्राणियों में तुम सबसे ज्यादा मोह माया का ढोंग करते हो. तो कहाँ गयी थी तुम्हारी वो मोह माया,जब तुमने हमें विलुप्ती के कगार पर पहुंचा दिया ? कहाँ गयी थी तुम्हारी वो मोह माया जब तुमने मुझे दुर्लभतम प्राणी की श्रेणी में पहुंचा दिया? तुम्हें याद न आयेगा ,मै खुद याद दिलाती हूँ. मै गोरैया हूँ, तुम्हारे हर सुख-दुःख में साथ रहने वाली, छोटी सी चिड़िया.
मै सदियों से मानव के आस–पास रहने वाली आम पक्षी थी .मैंने सदियों से तुम्हारी मदद कि है. 19 वी शताब्दी में जब तुम मुझे दोस्त की तरह मेडिटेरियन से एशिया और यूरोप लाये थे, तो मैंने तुम्हारे बागों से तुम्हारे वृक्षों में पैदा होने वाले हानिकारक कीटो को ख़त्म करने में तुम्हारी मदद की थी.मै पूरी दुनिया में फैलने वाली सबसे बड़ी प्रजाति थी.और आज शहरों को तो छोड़ दो, मै गावों से भी विलुप्त होने के कगार पर हूँ.इसका यही मतलब है कि इस आधुनिकीकरण के दौर में तुम हमारे, और हमारे जैसे कई जीवो की उपेक्षा लगातार करते आ रहे हो.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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