16-04-2014, 04:06 PM
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Re: गोरैया की आवाज़
^^ हम जानते हैं, कुछ दिनों में हम इस दुनिया के लिए इतिहास बनने वाले हैं, हमें तब किताबों में पढ़ा जायेगा और कहा जायेगा “एक थी गोरैया”. पर हम नहीं चाहते कि कुछ दिनों बाद तुम मानव भी हमारी ही तरह इतिहास बन जाओ. जब प्रकृति अपना कहर ढायेगी, तब तुम्हारी सारी बुद्धिमत्ता हवा हो जायेगी. इसका उदहारण बड़े बड़े भूकंप, सुनामी और अन्य कई भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रकृति दे भी रही है. इस सृष्टि का सबसे बुद्धिमान प्राणी का दंभ भरने वाले मानव, तुम तो खुद प्रकृति का असीमित दोहन करके अपने लिए कब्र तैयार कर रहे हो.
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तुम ये क्यों भूल जाते हो कि प्रकृति ने ये सृष्टि सिर्फ तुम मानवों के लिए नहीं बनायी थी, यहाँ सभी जीवों को रहने का समान अधिकार था, अगर तुम हम जीवों को हमारे अधिकारों से वंचित करोगे तो एक दिन सृष्टि भी तुम्हें तुम्हारे अधिकारों से वंचित कर देगी.
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आलेख श्रेय: राहुल आनंद
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 16-04-2014 at 05:20 PM.
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