14-02-2011, 05:28 AM
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दिल्ली के दर्शनीय स्थल
यहां बोने नट व ओकलाहोमा सहित अकेले गुलाब की ही २५० से भी अधिक किस्में हैं। ओकलाहोमा गुलाब के फूल का रंग लगभग काला है। नीले गुलाब की प्रजातियों में पैराडाइज, ब्ल्यूमून और लेडी एक्स शामिल हैं। यहां हरे रंग के गुलाब की भी किस्में है। मॉलश्री, पुत्रंजीव, सरू, जुनिपर, चाइना औरेंज जैसे वृक्षों से हमेशा हरा-भरा रहने वाला इस उद्यान में कई प्रकार के दुर्लभ फूलों की बहार देखने को मिलती हैं। गुलदाउदी की १२५, बॉगनविलिया की ५० से अधिक किस्मों को यहां देखा का सकता है। गेंदे की जितनी किस्में यहां हैं शायद ही और कहीं देखने को मिलती हों। डहेलिया के पेड़ों की भी अलग ही छटा है। इनके अलावा यहां बोनसाई का भी प्रयोग किया गया है। कुछ तो ऐसे भी हैं, जिनकी आयु ५०-६० वर्ष से भी अधिक है।यहां कैलेन्डुला एन्टिरहिनम, एलिसम, डिमोरफोथेका, एसोलझिया, लार्क्सपर, गजेनियां, गेरबेरा, गोडेतिया, लाइनेरिया, मेसमब्राइन्थेमम, ब्रासिकम, मेतुसेरिया, वेरबेना, विओला, पैन्सी, स्टॉक तथा डहलिया, कारनेशन और स्वीटपी जैसे सर्दियों में खिलने वाले फूलों की भी बहुतायत है।
मुगल उद्यान हर वर्ष फरवरी-मार्च के महीने में वसंत ऋतु में आम जनता के लिए खोला जाता है। यहां सोमवार के अलावा सभी दिनों पर सुबह ९:३० बजे से दोपहर २:३० बजे तक दर्शक आ सकते हैं। इस उद्यान में आने और जाने के रास्*तों को राष्*ट्रपति आवास के गेट नंबर ३५ से विनियमित किया जाता है, जो चर्च रोड के पश्चिमी सिरे पर नॉर्थ एवेन्*यू के पास स्थित है।
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Missing you guys!
फिर मिलेंगे|
मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक||
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