Re: ये कैसा प्यार .........
हर आंख नम थी, जब डोली की जगह घर से उठी दुल्हन की अर्थी
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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