Re: बॉलीवुड शख्सियत
महमूद अंकल अब्बा (जॉनी वॉकर) के बड़े शुभचिंतक तथा प्रशंसक थे और इंडस्ट्री में उनकी उपलब्धियों और कामयाबियों से बड़े उत्साहित होते थे. मुमताज़ अली साहब जब मृत्यु शैया पर थे तो उन्होंने अपने बेटेमहमूद को बुला कर कहा कि “मेरे जाने के बाद जॉनी को अपना बड़ाबुज़ुर्ग समझना”. इस घटना से पता चलता है कि उन दोनों के बीच की दोस्ती कितनी गहरी थी और उनमें कितनी आत्मीयता थी. इन दोनों कलाकारों के परिवार अनेक वर्षों तक अच्छे और बुरे वक्तों में एक दूसरे का साथ निभाते रहे.
जैसे जैसे वक़्त बीतता गया, उम्र के साथ अब्बा (जॉनी वॉकर) को भी कई बीमारियों ने घेर लिया था और गिरते स्वास्थ्य के चलते अब्बा ने बिस्तर पकड़ लिया. ऐसे में एक दिन महमूद अंकल का अमरीका से फोन आया. अब्बा की कमज़ोर आवाज़ को सुन कर अंकल रोने लगे. अब्बा अंकल को ढाढस बंधाते हुये बोले, “बेटा, रो मत.” महमूद अंकल अपने प्रति अब्बू का प्यार देख कर इतने इमोशनल हो गये और कहने लगे कि “जॉनी भाई, आप इतने बीमार हैं फिर भी मुझे ढाढस बंधा रहे हैं. आप ग्रेट हैं, मेरे प्यारे जॉनी भाई.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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