Re: कोलुशा > मैक्सिम गोर्की
आपकी सार्थक प्रतिक्रिया के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, अलैक जी. छोटी सी कहानी कितनी प्रभावशाली हो सकती है, यह इस कहानी को पढ़ने से ज्ञात होता है. कथानक दिखने में भले ही छोटा है लेकिन कहानी पाठक के दिलो दिमाग में उतर जाती है और अंतिम पड़ाव पर पहुँचते पहुँचते इसमें एक अलौकिक आयाम जोड़ देती है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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