Re: इधर-उधर से
क्रिकेटर से पाकिस्तान के राजनेता बने इमरान खान की किताब "पाकिस्तान: ए पर्सनल हिस्ट्री" जो उनकी आत्मकथा भी कही जा सकती है, के कुछ मनोरंजक अंश नीचे दिए जा रहे हैं:
> ऑक्सफर्ड में मेरा सबसे अच्छा मित्र एक भारतीय विक्रम मेहता था। मैं, बेनजीर भुट्टो और विक्रम अच्छे दोस्त बन गए थे। इसकी वजह एक जैसी पृष्ठभूमि और एक जैसे सब्जेक्ट्स: पॉलिटिक्स और इकॉनमिक्स थे। विक्रम और मैं हर संडे लेडी मारग्रेट हॉल जाया करते थे, जहां ऑक्सफर्ड यूनियन के प्रेजिडेंट का पद पाने की कोशिश कर रही बेनजीर दिन भर चीज और स्नैक्स खिलाया करती थीं।
> अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले से जनरल जिया हल उक के इस्लामीकरण कार्यक्रम को मजबूती मिली। जनरल जिया शीत युद्ध के दौरान अमेरिका के अहम सहयोगी बन गए। शायद यहीं से उस कहावत की शुरुआत हुई कि पाकिस्तान की अगुवाई के लिए अल्लाह, आर्मी और अमेरिका की मदद की जरूरत होगी।
> मेरी मां को भी वन्य जीवन और पर्वतों से बहुत प्यार था। वह मुझे अपने बचपन की कहानियां सुनाया करती थीं। कुछ शिमला की पहाडि़यों के बारे में होती थीं। वह अपनी छुट्टियां माता-पिता के साथ डलहौजी में बिताया करती थीं। मुझे डरावनी कहानियां काफी पसंद थीं।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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