Re: बॉलीवुड शख्सियत
हिन्दुस्तानी सिनेमा के 100 वर्ष के इतिहास पर जब हम नज़र डालते हैं तो उसकी नींव में अपना खून पसीना देने वाले कुछ महान फिल्मकारों के नाम बरबस ही हमारे मन मस्तिष्क में उभर आते हैं। ऐसी ही विभूतियों में से एक थे सोहराब मेरवानजी मोदी जिनका जन्म बंबई (अब मुंबई) में एक संयुक्त पारसी परिवार में 2 नवंबर 1897 को हुआ था। उन दिनों परंपराएं चरम पर थीं और सोहराब अपने माता-पिता की ग्यारहवीं संतान थे। सोहराब की समझ और हास्य बोध बचपन से ही परिष्कृत होने लगे थे।
बंबई में जन्मे सोहराब मोदी का बचपन रामपुर में बीता, जहां उनके पिता नवाब के यहां सुपरिंटेंडेंट थे। नवाब रामपुर का पुस्तकालय बहुत समृद्ध था। रामपुर में ही सोहराब मोदी ने फर्राटेदार उर्दू सीखी। अभिनय की प्रारंभिक शिक्षा उन्हें अपने भाई रुस्तम की नाटक कंपनी सुबोध थिएट्रिकल कंपनी से मिली,जिसमें उन्होंने 1924 से काम करना शुरू कर दिया था। वहीं उन्होंने संवाद को गंभीर और सधी आवाज में बोलने की कला सीखी, जो बाद में उनकी विशेषता बन गयी। कुछ ही समय में वे नाटकों में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाने लगे। ‘हैमलेट’ और ‘द सोल आफ डाटर’ उनके लोकप्रिय नाटक थे जिनमें उन्होंने अभिनय किया।
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
Last edited by rajnish manga; 19-07-2014 at 12:59 PM.
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