प्रसिद्ध सूफ़ी संत बाबा बुल्ले शाह जी
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प्रसिद्ध सूफ़ी संत बाबा बुल्ले शाह जी
आलेख आभार: श्री राम कुमार सेवक
दीपक घर में जलता है, घर को रोशन करता है. दहलीज पर जलता है तो बाहर और भीतर दोनों को प्रकाशित करता है. वही दीपक जब समुद्र तट पर स्थित ऊंची मीनार पर जलता है तब संसार भर को रौशनी देता है तथा प्रकाशसतम्भ कहलाता है. यह प्रकाश सतम्भ दूर से ही जहाजों को रास्ता दिखाकर साहिल तक पहुँचाने में मददगार साबित होता है.
अध्यात्मिक जगत में अनेकों ऐसे संत हुए, जिन्होंने अपने जीवन और वचनों से संसार का कल्याण किया. उनकी वाणियाँ प्रकाश सतम्भ की तरह, अज्ञान के अंधकार में भटक रही रूहों को ज्ञान के प्रकाश में आने कोप्रेरित करने का कार्य कर रही हैं. पाकिस्तान स्तिथ पंजाब में ऐसे ही एक महान संत हुए - बुल्ले शाह जी (जिन्हें बुल्लेशाह कादरी शातारी भी कहा जाता है.) जिनकी काफियां लगभग तीन सदियों के बाद भी उसीताज़गी, पाकीज़गी, श्रद्धा और प्यार से गायी जाती है.