Re: घूरे के दिन फिर जाते हैं
Quote:
Originally Posted by rafik
बहुत खूब
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Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay
मस्तीभरी व्यंगात्मक कविता के लिए हार्दिक धन्यवाद.........
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मेरा उत्साहवर्धन करने के लिये आप दोनों महानुभाव का बहुत बहुत धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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