View Single Post
Old 21-08-2014, 10:33 PM   #4
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: जूज़र और शमरदल का ख़ज़ाना

नानवाई की निगाह जैसे ही जूज़र के ख़ाली जाल पर पड़ी तो समझ गया कि आज उसे कोई मछली नहीं मिली। नानवाई ने कुछ रोटियां और पेसे जूज़र को दीं और कहाः इसे ले लो और इसके बदले कल मुझे मछली दे देना। जूज़र ने शर्माते हुए रोटी और पैसे लिए और आगे बढ़ गया। जूज़र ने पैसों से खाने की दूसरी वस्तुएं ख़रीदीं और घर लाया और माँ को पकाने के लिए दिया। अगलेदिन पिछले वाले दिन की तुलना में जल्दी उठा। मछली का जाल लिया और समुद्र की ओर चल पड़ा। जाल को एक बार नहीं बल्कि कई बार पानी में डाला किन्तु कोई मछली नहीं आयी। यहां तक कि समुद्र के किनारे एक स्थान से दूसरे स्थान पर यही कोशिश करता रहा किन्तु उसे कोई सफलता नहीं मिली। अंततः मछली पकड़ने से निराश वह ख़ाली जाल लेकर घर की ओर चल पड़ा। मार्ग में नानवाई की दुकान पर पहुंचा। जैसे ही नानवाई ने उसे देखा तो बुलाया और फिर उसे कुछ रोटियां और थोड़े पैसे दिए और कहाः जूज़र चिंतित मत हो।

कल ज़रूर सफल होगे और लौट कर मेरा कर्ज़ चुका सकोगे। किन्तु अगले दिन भी जूज़र ख़ाली हाथ लौटा और फिर उसे नानवाई ने रोटी और पैसे उधार दिए और वह माँ और भाइयों के लिए रात के खाने का प्रबंध कर सका। चौथा दिन भी इसी प्रकार गुज़र गया और उसे एक भी मछली न मिल सकी। सातवें दिन जूज़र ने स्वयं से कहाः मुझे मछली पकड़ने के लिए किसी और जगह जाना चाहिए। इस बार क़ारून तालाब जाउंगा शायद वहां मछली मिल जाए और फिर वह क़ारून तालाब की ओर चल पड़ा।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote