12-09-2014, 03:10 PM
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#2
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Re: .............मन...............
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Originally Posted by soni pushpa
ऐ मन तू आंसू न बहा न कर कोई गिला शिकवा
यही राहें हैं जीवन की इसपर अब तू चलते जा...
खाली था जीवन खाली थी जीवन की ये राहें ....
फिर क्यों तुझको अब ये ग़म लगता ....
हरदम रहे ग़मों के साये तुझपर , फिर अब क्यूँ ये असुवन वर्षा
कभी आये सपन डरावने, खुद को तू मजबूत करता जा .ना डर,
कुछ भी नया नही तेरे लिए ये सब,चल उठ अब हिम्मत कर
......
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अदभुत रचना ,उक्त पंक्ति में दम है,और जीवन में बहुत ही उपयोगी है
लगता है कि हिंदी मै लिखने की आपकी मेहनत रंग ला रही है!
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Last edited by rafik; 12-09-2014 at 03:22 PM.
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