वार्तालाप की अनुज्ञप्ति/Conversation License
सूत्र का शीर्षक पढ़कर तो आप बहुत चौंके होंगे. क्या कहा? बोलने का लाइसेंस? ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में तो हम जानते हैं? क्या भारत में बोलने का भी लाइसेंस लेना पड़ता है? हद हो गई भई! पहले मैं यह बता दूँ कि यह सूत्र उनके लिए नहीं है जो विशुद्ध भारतीय हैं और भारतीय संस्कृति से भली-भाँति परिचित हैं. यह सूत्र उन विदेशियों के लिए है जो भारतीय हैं और भारतीय संस्कृति से भली- भाँति परिचित नहीं हैं. हाँ, यह सच है कि भारत में बोलने का भी लाइसेंस लेना पड़ता है. भारत के कुछ आधुनिक शहरों को छोड़कर यदि एक लड़का किसी लड़की से सार्वजनिक स्थान पर वार्तालाप करना चाहता है तो उसे बोलने का भी लाइसेंस लेना पड़ता है और उस लाइसेंस का नाम है- शादी. नहीं तो लोग सन्देह की नजरों से उन्हें देखने लगते हैं. भारत में बिना लाइसेंस के सार्वजनिक स्थान पर किसी लड़के-लड़की का आपस में वार्तालाप करना बुरा समझा जाता है. समाज के उच्च वर्ग से सम्बन्धित हीरो-हीरोइन भी इससे अछूते नहीं हैं. इनके बारे में भी अक्सर समाचार-पत्रों में छपता रहता है जिसे गोंसिप कहते हैं. गोंसिप का छपना अच्छी बात मानी जाती है. जिन हीरो और हीरोइनों के बारे में समाचार-पत्रों में गोंसिप नहीं छपता वह चिन्तित होकर बीमार पड़ जाते हैं.
Last edited by Rajat Vynar; 15-09-2014 at 11:11 AM.
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