Quote:
Originally Posted by Yuva
ख्वाहिश नहीँ मुझे मशहूर होने की,
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे,
क्योकि जिसकी जितनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे।
जिँदगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामेँ कटती नहीँ और साल भी गुजरते चले जा रहे हैँ।
एक अजीब सी दौड़ है ये जिँदगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैँ और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोँड़ जाते हैँ।
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बहुत खूब....... अछे ने अच्छा बुरे ने बुरा जाना मुझे जिसकी जितनी जरुरत थी, उसने उतना ही पहचाना मुझे ये शब्द इस दोरंगी दुनिया के लिए बहुत सही कहे हैं आपने.... thanks