Re: समर्पण :.........
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Originally Posted by Pavitra
बहुत ही सुन्दर सूत्र। ……
समर्पण रचना बहुत ही अच्छी और हृदयस्पर्शी है।
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Originally Posted by Rajat Vynar
हाय.. हाय.. कितनी किलिंग है यह स्टोरी. हाय हुसैन.. हम न लिख सके!
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Originally Posted by soni pushpa
आत्मिक प्रेम की पराकाष्ठा की कहानी है ये जिसमे समर्पण ही समर्पण है बस अपने जीवन साथी के लिए जीने की तमन्ना
खुद के दुःख को याद तक न रखना अपने जीवन साथी के लिए ही जीना इसे कहते है है सच्चा स्नेह .
धन्यवाद डॉ श्री विजय जी ..
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कृपया English Literature विभाग में निम्नलिखित सूत्र भी विज़िट करें:
http://myhindiforum.com/showthread.php?t=13775
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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