‘मुहूर्त शॉट’ के लिए कितना बली है साढ़े तीन मु&
बॉलीवुड हो या कोलिवुड.. लगभग हर निर्माता की यह कोशिश रहती है कि विजयादशमी के दिन उनकी फ़िल्म का मुहूर्त शॉट लिया जाए और दीपावली के दिन से उसकी शूटिंग आरम्भ की जाए. इसके पीछे क्या राज़ है? वस्तुतः (दरअसल) 1. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, 2. वैशाख शुक्ल तृतीया (अक्षय तृतीया), 3. आश्विन शुक्ल दशमी (विजयादशमी), 4. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (दीपावली)— ये चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त हैं. इसमें प्रथम तीन मुहूर्त पूर्ण बली तथा चौथा अर्धबली होने के कारण साढ़े तीन मुहूर्त कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़े तीन मुहूर्त की विशेषता यह है कि इसमें कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग-शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है. यह भी कहा गया है कि साढ़े तीन मुहूर्त में किए गए सभी कार्य निश्चित रूप से सिद्ध होते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. निरन्तर शोध के उपरान्त यह सिद्ध हो चुका है कि कुछ लोगों द्वारा साढ़े तीन मुहूर्त में किए गए कार्य भी निष्फल हो जाते हैं. यही कारण है कि विजयादशमी के दिन मुहूर्त शॉट से शुरू की गयीं फ़िल्मों में से एक-दो को छोड़कर बाकी सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुँह गिर जाती हैं. इस कारण साढ़े तीन मुहूर्त की विश्वसनीयता पर स्वतः बहुत बड़ा प्रश्न चिह्न लग जाता है. इसलिए ज्योतिष पर शोध कार्य कर रहे विशेषज्ञों का यह कर्तव्य बन जाता है कि इस विषय पर लेख लिखकर ज्योतिष में रुचि रखने वाले पाठकों की शंका का समाधान करें किन्तु आज तक ऐसा कोई भी लेख इस विषय पर प्रकाशित नहीं हुआ.
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