Re: भारतीय मुद्रा की 1 झलक
पैसा या रुपया वास्तव मे बहुत बड़ी चीज है। तभी तो राजा भर्तृहरि ने कहा था कि पैसा अगर ईश्वर नहीं तो उसका छोटा भाई अवश्य है। यही व्यक्ति का समाज में, हैसियत भी निर्धारित करता है और उसके सपनों को पंख भी देता है। धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करके लोग अपार संपत्ति के मालिक होना चाहते हैं, निर्धन की स्थिति बहुत ही दयनीय मानी जाती है, इसलिए पैसे या रुपए को लेकर आदि काल से काफी मुहावरे और लोकोक्तियाँ का जनम हुआ। पाई पाई के लिए तरसना, कौड़ी कौड़ी का मुंहताज, कौड़ी के मोल , कानी कौड़ी, दो टके का आदमी, सवा रुपए का प्रसाद, वगैरह वगैरह।
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ज्ञान का घमंड सबसे बड़ी अज्ञानता है, एंव अपनी अज्ञानता की सीमा को जानना ही सच्चा ज्ञान है।
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