View Single Post
Old 10-11-2014, 12:31 PM   #1
rafik
Special Member
 
rafik's Avatar
 
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44
rafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond repute
Thumbs up लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल क

मुझे तो लगता है, कोइ भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है। अशोक भाई ने घर मेँ पैर रखा.... ‘सुनते हो ?' आवाज सुनी अशोक भाई कि पत्नी हाथ मेँ
पानी का ग्लाश लेकर बाहर आयी. "अपनी सोनल का रिश्ता आया है, अच्छा भला ईज्जतदार सुखी परिवार है, लडके का नाम युवराज है. बैँक मे काम करता है. बस सोनल हा कह दे तो सगाई कर देते है." सोनल उनकी एका एक लडकी थी.. घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था.
हा कभी अशोक भाई सिगरेट पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और सोनल के साथ बोल चाल हो जाती लेकिन अशोक भाई मजाक मेँ निकाल
देते. सोनल खुब समजदार और संस्कारी थी. S.s.c पास करके टयुशन,सिलाई काम करके पापा की मदद करने की कोशिश करती, अब तो सोनल ग्रज्येएट
हो गई थी और नोकरी भी करती थी. लेकिन अशोक भाई उसकी पगार मेँ से एक
रुपिया भी नही लेते थे... और रोज कहते ‘बेटा यह पगार तेरे पास रख तेरे
भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी.’ दोनो घरो की सहमति से सोनल और युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुर्हत भी निकलवा दिया. अब शादी के 15 दिन और बाकी थे. अशोक भाई ने सोनल को पास मेँ बिठाया और कहा 'बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई...उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज. तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये
जमा किए.. यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हु...तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तु तेरे खाते मे जमा करवा देना.' ‘ok papa’ - सोनल ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ
चली गई. समय को जाते कहा देर लगती है ? शुभ दिन बारात आगंन आयी, पडित ने चवरी मेँ विवाह विधि शुरु की फेरे फिरने का समय आया.... कोयल जैसे टुहुकी हो एसे सोनल दो शब्दो मेँ
बोली ‘रुको पडिण्त जी' मुझे आप सब की मोजुदगी मेँ मेरे पापा के साथ बात
करनी है,’ “पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खुब प्रेम
दिया ईसका कर्ज तो चुका सकती नही... लेकिन युवराज और मेरे ससुर
जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हु... इन रुपयो से मेरी शादी के लिए कीये हुए उधार वापस दे देना और दुसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत
की है... जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे ! अगर मैँ
आपका लडका होता तो इतना तो करता ना ? !!!" वहा पर सभी की नजर सोनल पर थी...
“पापा अब मे आपसे मैँ जो दहेज मेँ मागु वो दोगे ?"
अशोक भाई भारी आवाज मेँ -"हा बेटा", इतना ही बोल सके. "तो पापा मुझे वचन दो आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओ गे.... तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड
दोगे. सब की मोजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हु." लडकी का बाप मना कैसे करता ?
शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन आज तो बारातियो कि आँखो मेँ
आँसुओ कि धारा निकल चुकी...
__________________


Disclaimer......!
"The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."
rafik is offline   Reply With Quote