Re: लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल क
बहुत बढ़िया प्रसंग प्रस्तुत किया हैं आपने, मित्र रफीक जी. आज की पढ़ी-लिखी लड़कियाँ अबला नारी नहीं हैं. उसके माता-पिता को अपनी सर्वगुणसंपन्न कन्या के लिए चिंता नहीं करनी चाहिए.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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