आप देखते होंगे...लोग जब रस्ते पर टकरा जाते है, वे एक दुसरे को गालीयां देते है, मारपीट करते है, या फिर फोन निकाल कर जोर जोर से किसी को बुलाते रहते है। हम एसे ही है!
एक औरत खडी रहेगी लेकिन कोई गधा उठ कर उसे जगह नही देगा। अगर कभी वह गधा अपनी मोटी गधी के साथ जा रहा है तो यहां वहां बेठने के लिए कोशिश करेगा। लाखो की बाते करेगा, चवन्नीयां बचाया करेगा। उस गधे की पर्सनालिटी को देख कुछ और भी उस जैसे गधे बनना चाहेंगे! खेर, मेरी ट्रेन शायद ओफ दी ट्रेक जा रही है! लेकिन यकीन मानीए....हम एसे ही है!