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Originally Posted by rajnish manga
मेरी इस छोटी सी कहानी को पढ़ने और उस पर अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. हमारे देश में जब तक जनता के प्रतिनिधियों की मनोवृत्ति में परिवर्तन नहीं आता, तब तक प्रशासन में सुशासन आना कठिन है. परिवर्तन की ज़िम्मेदारी जनता की है.
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जी सही कहा आपने ,... जनता के प्रतिनिधि ओ में जब सत्ता की लालच और अभिमान आ जाता है तब ही एइसे रहीसी अंदाज़ उनके हो जाते हैं जो सरासर गलत है. जनता प्रतिनिधि इसलिए चुनती है की वो अपनी कुर्सी संभाले और जनता की सेवा करे किन्तु जनता के द्वारा चुने प्रतिनिधि जनता को ही अपना नौकर बना देते हैं ये हमारी कमनसीबी है .