Re: जीवनोपयोगी संस्कृत के श्लोक - अर्थ
नैनं छिदंति शस्त्राणि, नैनं दहति पावकः,
न चैनं क्लेदयन्त्यापो, न शोषयति मारुतः। ४।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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