Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
इंग्लैण्ड में जन्मी मैरी बेकर एडी का बाल्यकाल बड़ी विपन्न एवं विषम परिस्थितियों से गुजरा। उसके माता-पिता सामान्य कृषक एवं धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। छठी संतति होने एवं विपन्नता के कारण उसके उपयुक्त भरण-पोषण की सुविधा नहीं जुट पाई तो शारीरिक रुग्णता का शिकार बनना पड़ा। पर उसकी धार्मिक निष्ठा और ईश्वर विश्वास में कमी नहीं आई। बारह वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते उसे एकाएक दैवी चेतना की सत्प्रेरणा उभरी कि आत्म-विकास और जनमानस के कल्याण हेतु कुछ कर गुजरना चाहिए। मैरी ने कविता लिखना आरंभ कर दिया जिन्हें स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया। मैरी ने ईसा की रोगोपचार संबंधी उपदेश कथाओं ‘गोस्पैल स्टोरीज ‘का स्वाध्याय बड़ी अभिरुचि के साथ किया और तद्नुरूप ईश्वर उपासना, साधना, और आराधना का उपक्रम भी बिठाती चली गयी। फलतः आरोग्य लाभ भी हस्तगत हुआ।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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