Re: सफलता के सूत्र :: देवराज के साथ
डॉ.रौबर्ट ऐन्थाँनी ने अपनी पुस्तक ‘टोटल सैल्फ कान्फीडेन्स’ में आत्म विश्वास की शक्ति को सर्वोपरि बताया है। मनुष्य की शारीरिक मानसिक गतिविधियों का निर्धारण भी उसी आधार पर होता है। कार्य में निष्क्रियता और सक्रियता का अनुमान आत्मबल की न्यूनाधिकता से ही लगाया जा सकता है। इस तथ्य की पुष्टि के लिए उनने एक महिला का उदाहरण प्रस्तुत किया है। सम्मोहन विद्या का प्रयोग करके महिला के मन-मस्तिष्क में एक ही बात कूट-कूट कर भर दी गयी है कि वह टेबल पर रखी पेंसिल को इधर-उधर खिसका नहीं सकती है। इस तरह का विश्वास में मन में जम जानें का प्रतिफल था कि उसे मामूली सा कार्य भी असंभव दिखने लगा। यदि उसे अपने अंतर्मन की प्रसुप्त क्षमता का आभास रहा होता तो वैसी स्थिति का सामना करना नहीं पड़ता। आत्म-विश्वास गंवा देने के यही परिणाम सामने आते हैं। प्रसुप्त चेतना की जाग्रति से ही मनुष्य को अपनी असीम सामर्थ्य का पता चलता है आत्म विश्वास ही इसका मूल आधार है।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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