Re: प्रेम ... समय
आपका सवाल थोड़ा मुश्किल है कि कैसे जानें कि प्यार है कि नहीं ? क्यूंकि ये तो वही व्यक्ति जान सकता है जिसे प्यार हुआ है और जिससे प्यार हुआ है। पर फिर भी मैं अपनी समझ से इसका जवाब देने की कोशिश करती हूँ।
प्यार में उतावलापन सही नहीं होता , मान लीजिये कि हमें कोई पसंद आया और हमने झट से ये सोच लिया कि हमें प्यार हुआ है, क्यूंकि मैं Love at first Sight के Concept को ज़्यादा admire नहीं करती। मैं इसे Deny नहीं कर रही पर मुझे लगता है कि पहली नज़र में जो होता है वो -Crush , infatuation , attraction होता है।
सबसे आसान तरीका है ये जानने का कि प्यार है या नहीं कि हम ये देखें कि - क्या हमारे पास उसे प्यार करने का कोई कारण है ? खुद से पूछें कि आप क्यों उसे प्यार करते हैं ? -
वो बहुत सुन्दर है।
-तो कल अगर वो सुन्दर न रही तो प्यार खत्म।
वो बहुत अच्छा इंसान है।
-तो अगर कल वो कोई Criminal बन गया तो प्यार खत्म।
वो बहुत दयालु है।
-तो अगर कल वो Cruel बन गया तो प्यार खत्म।
वो कभी किसी का बुरा नहीं कर सकता।
-तो अगर कल उसने किसी के साथ बुरा कर दिया तो प्यार खत्म।
जब तक आपके पास इस क्यों का जवाब रहेगा तब तक प्यार हो ही नहीं सकता। जिस दिन आपको कोई ऐसा मिल जाये जिसे प्यार करने के लिए आपके पास कोई वजह न हो तो समझ लीजियेगा कि यही प्यार है।
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