Re: मां
माँ, औरत का एक ऐसा किरदार है, जिसमें संपूर्णता, पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार सब कुछ निहित होता है। शायद ही दुनिया का कोई अन्य रिश्ता ऐसा हो, जिसमें इतनी सारी खूबियाँ एकसाथ होती हों।
अपनी संतानों के लिए हमेशा बेहतर और भला सोचने वाली माँ हर वक्त इसी चिंता में डूबी रहती है कि मेरा बच्चा कहाँ और कैसा होगा।
माँ की अँगुली पकड़कर स्कूल जाने से लेकर शादी-ब्याह रचाकर संतान होने के बाद *तक भी हम भले ही उम्र में बहुत बड़े, समझदार व गंभीर हो जाते हैं परंतु माँ की चिंता हमारे लिए तब भी वैसी ही रहती है, जैसी कि बचपन में होती थी।
अपनी हर साँस के साथ माँ अपनी संतान की सलामती व तरक्की की दुलाएँ माँगती है। उसकी पूजा-पाठ, आराधना, व्रत-उपवास, आशीर्वाद हर चीज में बस दुआएँ शामिल होती हैं अपने परिवार की सलामती की।
मैं तो यही कहूँगी कि यदि ईश्वर ने धरती पर जन्म लिया है तो बस माँ के रूप में। यदि आपके पास भी माँ है तो दुनिया के सबसे सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से एक है। अपने पास इस माँ रूपी ईश्वर को हमेशा साथ रखें।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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