Re: Pyar se tere - shikha
ग़ज़ल के रूप में यह आपका आरंभिक प्रयास है, इस बात को ध्यान में रखते हुये इसकी प्रशंसा की जानी चाहिये. कविता में आप के मनोभावों की ईमानदार अभिव्यक्ति नज़र आती है. शिखा जी, यदि कविता में कल्पना का सहारा लिया जाये तो इसे और रोचक बनाया जा सकता है. धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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