Re: प्रेम ... समय
प्रिय मित्रो क्या सत्संग के इस हिस्से को मैं यहाँ पोस्ट कर सकता हूँ !!!
कम से कम दस मित्रो की सहमती के बाद ही मैं इसे पोस्ट करूंगा ..
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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Last edited by DevRaj80; 12-01-2015 at 04:16 PM.
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