13-01-2015, 09:39 PM
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Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
खलील जिब्रान
वज्रपात
एक दिन आँधी के साथ खूब तेज पानी बरसा. एक इसाई पादरी गिरजाघर में बैठा था. इतने में वहां एक स्त्री आयी जो ईसाई नहीं थी. उसने पादरी के सामने खड़े हो कर कहा, “मैं इसाई नहीं हूँ. क्या मेरे लिए भी नरक की ज्वाला से बचने का कोई उपाय है?”
पादर ने स्त्री की ओर देख कर कहा, “नहीं, मुक्ति केवल उनके लिए है, जिन्होंने इसाई धर्म में विधिवत दीक्षा ली है.”
पादरी के मुँह से यह शब्द अभी निकले ही थे कि अचानक एक ज़ोरदार आवाज के साथ आकाश से बिजली गिरी जिसमे गिरजाघर जल कर राख हो गया और चारों ओर आग ही आग दिखाई देने लगी.
नगर के बाशिंदे दौड़े दौड़े वहां आये और उन्होंने बचाव कार्य शुरू कर दिया. उन लोगों ने उस स्त्री को तो बचा लिया लेकिन पादरी को वे मौत के मुंह से नहीं बचा सके.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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