Re: पिता
पिता साथ चलता है तो साथ देते हैं तीनों लोक, चौदहों भुवन। पिता सिर पर हाथ रखता है तो छोटे लगते हैं देवी-देवताओं के हाथ। पिता हंसता है तो शर्म से पानी-पानी हो जाते हैं हेमंत और बसंत। पिता जब मार्ग दिखाता है तो चारों दिशाएं छोड़ देती हैं रास्ता, आसमान आ जाता है बांहों के करीब और धरती सिमट आती है कदमों के आसपास।
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मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... .
तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,...
तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये ..
एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी,
बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी..
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