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Originally Posted by rajnish manga
आपने बहुत सटीक बात लिखी है, पवित्रा जी. धन्यवाद. ऐसे किसी भी सन्देश पर आँख मूँद कर विश्वास करना अनुचित है. मैंने तो कई बार ढोंगी साधुओं को भिक्षा न देने पर श्राप देने की धमकी देते भी सुना है. इनसे किसी प्रकार भयभीत नहीं होना चाहिए.
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जी बिल्कुल , सोचिये जो साधू होकर भी अपने क्रोध पर काबू ना रख सके , जिसके खुद के जीवन से लालच ना खतम हुआ हो उसका श्राप हमारा क्या बिगाड सकता है ?
इसलिये ऐसे अन्धविश्वास से हमें मुक्त होना ही चाहिये।