26-01-2015, 09:16 PM
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Re: खलील जिब्रान और उनकी रचनायें
खलील जिब्रान
प्रणय गीत
एक कवि ने एक प्रणय गीत लिखा. गीत था भी बहुत सुन्दर. उसने गीत की बहुत सारी प्रतियां तैयार कीं और उन्हें अपने मित्रों, परिचित स्त्री-पुरुषों के पास भेजा. उन ओगों में एक खूबसूरत नवयुवती भी थी जिसे वह जीवन में केवल एक बार मिला था. वो नवयुवती पहाड़ों के पार रहती थी.
कुछ दिन के बाद उस नवयुवती की ओर से एक सन्देशवाहक एक पत्र लेकर आया. पत्र में उसने लिखा था, “मैं तुम्हें विश्वास दिलाती हूँ कि मुहब्बत के इस गीत ने, जो कि तुमने मेरे लिए लिखा है, मेरे दिल को छू लिया है. तुम मेरे माता-पिता से जल्द आकर बात करो ताकि हमारी शादी की बात पक्की हो सके.”
इस पत्र का उत्तर देते हुए कवि ने लिखा, यह तो कवि के हृदय से निकला हुआ स्वाभाविक गीत था. संसार के प्रत्येक पुरुष की ओर से संसार की हर स्त्री के लिए.”
पत्र के प्राप्त होते ही नवयुवती ने कवि को लिख भेजा, “तुम शब्दों के जाल में फँसाने वाले एक पाखंडी हो. जाओ, आज से ले कर मृत्युपर्यंत मेरे हृदय में दुनिया भर के कवियों के लिए सिर्फ नफरत ही रहेगी और ऐसा सिर्फ तुम्हारे कारण होगा.”
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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